डूंगरपुर बर्ड फेयर की धूम थमी
दो दिवसीय ‘परिंदों का मेला’ संपन्न
डूंगरपुर, 22 दिसंबर/जिले की समृद्ध नैसर्गिक संपदा से देश-प्रदेश को रू-ब-रू कराने के उद्देश्य से जिला कलक्टर विक्रम सिंह की पहल पर वन विभाग, यूनिसेफ, पर्यटन विभाग तथा डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के संयुक्त तत्वावधान में शहर की शान गेपसागर झील पर शनिवार से शुरू हुए विशाल बर्डफेयर की धूम आज दिनढले थमी। दो दिवसीय इस मेले के दूसरेे दिन देश-प्रदेश के सैकड़ों की संख्या में शहरवासी व आसपास के जिलों के निवासियों ने बर्डएक्सपर्ट्स की मौजूदगी में परिंदों की रंगीन दुनिया को निहारा।
ऑपन टू ऑल में उमड़े शहरवासी:
बर्डफेयर का दूसरा दिन ‘ऑपन टू ऑल’ था और इस कारण बड़ी संख्या में शहरवासी परिवारजनों सहित शिवपुरा के समीप से गेपसागर झील के पिछले हिस्से में पहुंचे और बर्डवॉचिंग का लुत्फ उठाया। आज सुबह सात बजे से ही लोगों का यहां पर पहुंचना प्रारंभ हो गया था जो अपराह्न साढ़े तीन बजे तक जारी था। लोगों ने यहां पर प्रशासन की ओर से विशेष रूप से स्थापित बायनाकूलर्स और स्पोटिंग स्कॉप की मदद से पक्षियों की जलक्रीड़ाओं को देखा। बर्डफेयर के आयोजन की जानकारी मिलने के बाद न सिर्फ जिला मुख्यालय अपितु जिले के सागवाड़ा, आसपुर, सीमलवाड़ा, चितरी और गलियाकोट आदि कस्बों से भी लोग पहुंचे और बर्डवॉचिंग का आनंद उठाया। परिंदों में रूचि रखने वाले गलियाकोट निवासी आठवीं कक्षा का विद्यार्थी संयम पंचोली अपने पापा अनिल पंचोली के साथ गेपसागर पहुंचा और पक्षियों को देखकर अभिभूत हो उठा। बर्डफेयर के पहले दिन के आनंद से उत्साहित नगरपरिषद सभापति सुशीला भील खेरवाड़ा से पहुंचे अपने पोते के साथ आज दोबारा गेपसागर पहुंची और बर्डवॉचिंग की। शहरवासियों के उमड़े हुजूम को देखते हुए बर्डफेयर मुख्य समन्वयक जिला कलक्टर विक्रम सिंह, उप समन्वयक पीआरओ कमलेश शर्मा, सहायक समन्वयक वीरेन्द्रसिंह बेड़सा, सहयोगी सिंधु बिनुजीत आदि दिनभर गेपसागर पर रहे और व्यवस्थाएं देखी।
उदयपुर से दो बसें भरकर पहुंचे लोग:
बर्डफेयर में भाग लेने के लिए उदयपुर से सैन्य अधिकारियों और उनके परिवारजनों का दल पहुंचा और यहां पर बर्डवॉचिंग के साथ प्रदर्शनी का अवलोकन किया। सैन्य अधिकारियों ने भी बर्डवॉचिंग का लुत्फ उठाया तथा प्रदर्शनी में रंग-बिरंगे पक्षियों के फोटोग्राफ देखकर अभिभूत हो उठे।
...अब तो ध्यान से देखना पड़ेगा पक्षियों को:
जिला पुलिस अधीक्षक प्रसन्न कुमार खमेसरा ने भी आज बर्डवॉचिंग के साथ यहां पर लगी प्रदर्शनी को देखा और जिले की नैसर्गिक विरासत की तारीफ की। जिला कलक्टर विक्रम सिंह के साथ प्रदर्शनी का अवलोकन करते वक्त एसपी खमेसरा हॉर्नबिल पक्षी के चित्र को देखकर उत्सुक दिखे तो बर्डफेयर के सह समन्वयक वीरेन्द्रसिंह बेड़सा ने इस पक्षी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह पक्षी उनके बंगले में स्थित पेड़ों पर भी पाया जाता है तो एसपी खमेसरा बड़े आश्चर्यचकित हुए और कहा कि तो अब इस पक्षी को ध्यान से देखना पड़ेगा।
गांवों में भी रही बर्डवॉचिंग की धूम:
दो दिवसीय बर्डफेयर में भाग लेने के लिए देश-प्रदेश से यहां पहुंचे बर्डवॉचर्स व बर्डएक्सपटर््स को रविवार को जिले के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा करवाया गया और विभिन्न जलाशयों पर भांति-भांति के परिंदों की उपस्थिति की जानकारी दी गई। आज अल सुबह से ही सभी बर्डवॉचर्स व फोटोग्राफर्स अलग-अलग जलाशयों के लिए रवाना हो गए। बर्डवॉचर्स ने आज शहर के साबेला जलाशय के साथ ही माथुगामड़ा, झाकोल, रणसागर, पूंजपुर, नवलश्याम, सूरी, वाड़ा हथाई, खेमपुर आदि गांवों के तालाबों के साथ सोम कमला आंबा बांध के जलभराव क्षेत्रों, सागवाड़ा के गमरेश्वर तालाब व गलियाकोट के माही-कडाणा बैकवाटर क्षेत्रों का दौरा किया। उदयपुर से आए टलोन बर्डवॉचर्स समूह के शरद अग्रवाल और अमित गुप्ता के नेतृत्व में दो दलों ने माथुगामड़ा, बोड़ीगामा, सरोदा, सामलिया, वरसिंगपुर आदि के तालाबों में बर्डवॉचिंग का लुत्फ उठाया। इधर, अहमदाबाद के वाईल्ड लाईफ फोटोग्राफर्स कंदर्भ काटजू और एमके हर्षवर्धनसिंह ने सागवाड़ा क्षेत्र के गामड़ा, बाईतालाब और वरसिंगपुर तालाबों बर्डवॉचिंग व फोटोग्राफी की। इस दौरान बर्डवॉचर मुकेश पंवार, इलेश शर्मा, पंकज स्वर्णकार, नवनीत पंचाल और वीरेन्द्र गोवाड़िया साथ में थे।
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डॉ. रहमानी ने ली बर्ड सेन्सस तकनीक पर कार्यशाला
बर्डवॉचिंग, संरक्षण और गणना के तरीकों पर दिनभर हुई चर्चा
फोटो संलग्न
डूंगरपुर, 22 दिसंबर/ बोम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के डायरेक्टर डॉ. असद रहमानी ने रविवार को जिला परिषद के ईडीपी सभागार में एक वर्कशॉप लेकर पक्षियों की प्रजातियों, उनकी वर्तमान स्थितियों और इनके संरक्षण की दिशा में किए जाने वाले प्रयासों के बारे में जानकारी दी।
आज प्रातः इस कार्यशाला का शुभारंभ जिला कलक्टर विक्रम सिंह, मुख्य वन संरक्षक(वन्यजीव) एन.सी. जैन व उप वन संरक्षक श्रीमती राज संदीप की मौजूदगी में हुआ। जिला कलक्टर सिंह ने इस कार्यशाला को बर्डवॉचर्स और वन व पर्यावरण से जुड़े व्यक्तियों के लिए आवश्यक बताते हुए सफलता की कामना की। इस मौके पर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के डॉ. अभिषेक भटनागर, डॉ. सतीश शर्मा, सहायक वन संरक्षक धनपतसिंह व संजय गुप्ता, यूनिसेफ की चाईल्ड प्रोटेक्शन कंसल्टेंट सिंधु बिनुजीत सहित बड़ी संख्या में वन विभागीय अधिकारी व संभागी मौजूद थे।
दिनभर हुआ मंथन:
डॉ. रहमानी की यह वर्कशॉप दिनभर चली और इस दौरान उन्होंने पक्षियों की प्रजातियों, उनके प्रवास, देश में उनकी स्थितियों, गिद्ध संरक्षण कार्यक्रम की वर्तमान स्थिति, पक्षियों के संरक्षण के तरीकों, पक्षी गणना की आवश्यकता, गणना की तकनीक और इसमें ध्यान रखने योग्य बातों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
फिल्ड विजीट भी हुई:
कार्यशाला के दौरान संभागियों को शहर के उदयविलास के समीप नवलखा क्षेत्र में ले जाया गया जहां पर वन क्षेत्र के भीतर पक्षियों की गणना की तकनीक का लाईव डेमो प्रस्तुत किया गया। लाईन ट्रांजेक्ट तकनीक के दौरान उन्होंने यहां पर 15 प्रजातियों के पक्षियों को चिह्नित किया और इनके गणना के तरीकों के बारे में संभागियों को बताया।
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बर्डफेयर और शिल्प सौन्दर्य के संगम को देख अभिभूत हुए रहमानी
सोमपुरा सृजित सारस क्रेन की भेंट से दी रहमानी को विदाई
फोटो संलग्न
डूंगरपुर, 22 दिसंबर/ ‘डूंगरपुर बर्डफेयर’ का समापन भी इसके भव्य आयोजन की भांति अद्भुत रहा। इस दौरान जिला कलक्टर विक्रम सिंह ने इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी शख्सियत के रूप में बोम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के डायरेक्टर डॉ. असद रहमानी को यहां के सोमपुरा शिल्पकार विनय सोमपुरा के हाथों सृजित पारेवा पत्थर की सारसक्रेन के स्मृति चिह्न को प्रदान कर किया। रविवार सायं कलक्टर सिंह ने जब इस प्रतिमा का विमोचन करवाने के उपरांत जब उन्हें यह शिल्प सौंपा तो डॉ. रहमानी ने इस शिल्प को देर तक निहारा और शिल्पकार के कलाकौशल की सराहना की और एक्सीलंेट कहते हुए अभिभूत नज़र आए। मौजूद समस्त अतिथियों और संभागियों ने भी इस शिल्प की सराहना की। इस मौके पर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के डॉ. अभिषेक भटनागर, डॉ. सतीश शर्मा, सहायक वन संरक्षक धनपतसिंह व संजय गुप्ता, यूनिसेफ की चाईल्ड प्रोटेक्शन कंसल्टेंट सिंधु बिनुजीत सहित बड़ी संख्या में वन विभागीय अधिकारी व संभागी मौजूद थे।
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